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प्रेम ही ईश्वर है Love is God. God is Love. |
योग पद्धति >> योग का क्रम >> शुभ स्वप्न/विघ्ननाशक स्वप्न व उन सपनों के अर्थ (Dream Interpretations) साधना में शुभ स्वप्न/विघ्ननाशक स्वप्नसाधना में ईश्वर की कृपा से विघ्ननाशक व आध्यात्मिक उन्नति सूचक शुभ स्वप्न भी दिखाई देते हैं. वे शुभ स्वप्न व उनके अर्थ इस प्रकार हैं : १. पर्वत के शिखर पर स्वयं को चढ़ते हुए देखना. इसका अर्थ है कि साधना के विघ्न को आप पार कर रहे हैं और आपका आध्यात्मिक स्तर ऊंचा उठ रहा है. २. स्वयं को हवा में उड़ते हुए देखना या हवा में उड़ने की शक्ति प्राप्त हो गई है और स्वेच्छा से हवा में उड़ने लगना ऐसे देखना. यह आध्यात्मिक उन्नति का सूचक है. ३. सूर्य की किरणों अथवा सूर्य को देखना. यह तत्त्वज्ञान की प्राप्ति का सूचक है. अत्यंत उच्च कोटि का संत बनने का संकेत है. ४. सपने में देवमन्दिरों का दर्शन अथवा पवित्र नदियों का दर्शन करना. यह मन को पवित्र करने वाला और ईश्वर की कृपा प्रदान करने वाला सपना है. कभी-कभी ऐसा भी होता है कि जिन देवमन्दिरों आदि पवित्र स्थानों को आपने सपने में देखा है भविष्य में उन मंदिरों आदि में आप अचानक पहुँच जाते हैं और आपकी बड़े लम्बे समय से चल रही कोई बड़ी समस्या हल हो जाती है और आप यह सोचते हैं कि यह क्या चमत्कार है. वास्तव में यह ईश्वर की कृपा होने पर उनकी योजना का ही अंश होता है, इसे समझ पाना हमारे लिए कठिन है.
अध्यात्म और योग का सबसे ऊँचा ज्ञान शिव सूत्र से निकालकर कहानी और गाने "झूठ पुलिंदा" के माध्यम से आप सभी भक्तों को समर्पित है. ५. सपने में देव, ब्रह्मण, पितर, जो भी आशीर्वाद देते हैं वह ज्यों का त्यों फलित होता है. ६. किसी परीक्षा को देते हुए देखना और उसमें उत्तीर्ण (पास) हो जाना. इसका अर्थ है साधना में सिद्धि होना, साधना में चल रही परेशानी का उत्तर/उपाय मिलना. ७. हिंसक जंतुओं, शत्रुओं से युद्ध करना व उनको परास्त कर देना (हरा देना). इसका अर्थ है कि विपत्तियाँ आयेंगी परन्तु अपने पुरुषार्थ से आप उन पर विजय अवह्या पायेंगे. अन्य भावार्थ में पापों का नाश होकर साधना में प्रगति होगी. फ्री ऑनलाइन आध्यत्मिक कोर्स जॉइन करे
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